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जयप्रकाश विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन से पीजी तक की 2019 के बाद का सभी डिग्री होगी रिलीज

सत्र 2019 तक की सभी करीब 50 हजार तक पेंडिंग डिग्रियां अगले सप्ताह तक रिलीज कर दिया जाएगा।

सीवान: जयप्रकाश विश्वविद्यालय से पढाई कर चुके छात्र-छत्राओं के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि सत्र 2019 तक की सभी करीब 50 हजार तक पेंडिंग डिग्रियां अगले सप्ताह तक रिलीज कर दिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर प्रमेंद्र कुमार बाजपेई ने बताया कि सभी डिग्रियां प्रिंट हो चुकी हैं। संबंधित अधिकारियों का हस्ताक्षर होना बाकी है।

वहीं जो डिग्रियां तैयार हो गई हैं, उसे रजिस्टर में मेंटेन किया जा रहा है। इसके बाद वेबसाइट पर इसकी सूचना प्रकाशित कर दी जायेगी। आगे जानकारी देते हुए बताया कि डिग्री बनते ही संबंधित विभागों के नोटिस बोर्ड पर भी इसकी जानकारी प्रकाशित होगी। उसके आधार पर छात्र-छात्राएं अपनी डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार स्नातक के पूर्व के सत्रों में जिन छात्रों ने डिग्री के लिए आवेदन दिया था, उनकी डिग्री प्राथमिकता के आधार पर पहले रिलीज की जायेगी। वहीं सत्र के अनुसार क्रमवार डिग्रियां वितरित होंगी।

स्नातक सत्र 2019 में ही करीब 20 हजार डिग्रियां पेंडिंग हैं। वहीं उसके पूर्व में सत्र 2006 से सत्र 2018 तक के बीच भी 15 हजार के करीब डिग्री अभी पेंडिंग है, जिन्हें एक-एक कर रिलीज किया जायेगा, इसके अलावे पीजी में भी अब तक जितने सत्र पूरे हो चुके हैं। उसमें अब तक स्नातक और पीजी को मिला कर लगभग 50 हजार डिग्रियां पेंडिंग है उनको प्रिंट कर लिया गया है। अलग-अलग विभागों में वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। जिसके बाद कुलपति द्वारा अंतिम रूप से इस पर हस्ताक्षर किया जायेगा।मीडिया प्रभारी राजेश पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डिग्री के लिए ऑनलाइन आवेदन हो रहा है। छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर शुल्क जमा करेंगे। इसके बाद उन्हें डिग्री उपलब्ध करा दी जायेगी।विश्वविद्यालय में विगत दो वर्षों से निर्धारित समय पर डिग्री का वितरण नहीं हो रहा था। जिस कारण छात्र- छात्राओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। कई छात्र-छात्राएं जिन्हें किसी दूसरे विश्वविद्यालय में नामांकन लेना होता था या किसी प्रतियोगी परीक्षा में डिग्री सबमिट करनी होती थी। उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। कई बार आवेदन देने के चार से पांच माह बाद भी डिग्री नहीं मिल पाती थी

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